कई साल से सतनाम सिंब भामरा अमेरिका के फ़्लोरिडा शहर की IMG अकादमी में अभ्यास कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कॉलेज बास्केटबॉल में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया।
जब अपनी-अपनी टीमों के लिए नए और युवा खिलाड़ियों को चुनने की बारी आई तो कई टीमों ने उनमें दिलचस्पी दिखाई थी। आखिरकार डैलस मैविरिक्स टीम ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। डैलस ने साल 2011 में NBA का ख़िताब अपने नाम किया था और इस टीम में डर्क नोविट्ज़स्की जैसे स्टार खिलाड़ी खेलते थे।
डिविलियर्स ने कहा, ‘कभी-कभी दबाव असहनीय हो जाता था- आपको जिस तरह के दबाव का सामना करना पड़ता था, लगातार प्रदर्शन करना होता था. आप स्वयं, प्रशंसक, देश और कोच आपके ऊपर दबाव बनाते हैं. यह काफी अधिक होता है और एक क्रिकेटर के रूप में यह हमेशा आपके दिमाग में होता है.’
इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बावजूद डिविलियर्स अपनी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) की ओर से खेलना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि बड़े मैच में शतक जड़ने के अहसास की तुलना किसी चीज से नहीं जी जा सकती. हजारों लोग आपके नाम के नारे लगा रहे होते हैं. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो निश्चित तौर पर मुझे इसकी कमी नहीं खलेगी. अब तक तो नहीं. खेल से हटकर मैं काफी खुश हूं. कोई मलाल नहीं.’यह पूछने पर कि क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद वह कुछ राहत महसूस कर रहे हैं तो डिविलियर्स ने कहा, ‘बेहद. हां... मुझे पता है कि सही जवाब संभवत: यह होता कि मुझे हमेशा खेल की कमी महसूस होगी.’अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान 114 टेस्ट में 22 शतक की मदद से 50 .66 की औसत से 8765 रन बनाने वाले डिविलियर्स ने कहा, ‘मेरा मानना है कि खिलाड़ी जो यह कहते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव महसूस नहीं करते, वे सभी से और खुद से झूठ बोल रहे हैं.’डिविलियर्स ने 228 वनडे इंटरनेशनल मैचों में भी 25 शतक की मदद से 53 .50 की औसत के साथ 9577 रन बनाए. (इनपुट: एजेंसी)
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